हाल ही में Zerodha के सह-संस्थापक Nikhil Kamath के पॉडकास्ट के दौरान, प्रसिद्ध टेक उद्यमी Bryan Johnson ने अचानक इंटरव्यू छोड़ दिया। इसका कारण था—खराब वायु गुणवत्ता। बाद में, X (पहले Twitter) पर उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा, “Indians are justifiably outraged by the poor air quality they are exposed to daily.” (भारतीय सही रूप से रोज़ाना जिस खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में आते हैं, उससे नाराज़ हैं)।
वायु प्रदूषण का खतरनाक प्रभाव
Bryan Johnson ने एक शोध का हवाला देते हुए बताया कि PM2.5 (हवा में मौजूद सूक्ष्म कण) का कोई भी स्तर सुरक्षित नहीं माना जाता। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह लीवर में सूजन, फाइब्रोसिस, रक्त में वसा असंतुलन, और कैंसर से जुड़े जीन परिवर्तन भी कर सकता है।
उन्होंने एक अध्ययन का ज़िक्र किया जिसमें चूहों को 12 हफ्तों तक कम स्तर के PM2.5 कणों के संपर्क में रखा गया। नतीजे चिंताजनक थे—यह प्रदूषण लीवर को इतना प्रभावित कर सकता है कि शराब से होने वाली बीमारियों की तरह नुकसान पहुंचाने लगता है और कैंसर के संकेतक उत्पन्न हो सकते हैं।
वायु प्रदूषण: एक धीमा ज़हर
Bryan Johnson ने बताया कि वायु प्रदूषण का प्रभाव धीरे-धीरे इंसानों के शरीर पर पड़ता है। अध्ययन में PM2.5 कणों को एक सलाइन (नमक के पानी) के जरिए चूहों की नाक में डाला गया, ताकि यह देखा जा सके कि इन कणों का प्रभाव शरीर के भीतर कैसा होता है। परिणामों में दिखा कि लीवर, रक्त संचार, और कोशिकाओं के स्तर पर गंभीर नुकसान होता है।
इस अध्ययन का निष्कर्ष यह था कि वायु प्रदूषण का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है, और इसे गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए। Bryan ने यह भी कहा कि अगर भारत जैसे प्रदूषित देशों में वायु गुणवत्ता में सुधार किया जाए, तो यह जीवन प्रत्याशा को उतना ही बढ़ा सकता है जितना कि सभी प्रकार के कैंसर के इलाज से हो सकता है।
वायु प्रदूषण से बचने के लिए Bryan Johnson के सुझाव
Bryan Johnson ने व्यक्तिगत स्तर पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के कुछ सुझाव दिए:
- वायु गुणवत्ता की निगरानी करें – नियमित रूप से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) देखें और उसी के अनुसार सावधानी बरतें।
- N95 मास्क पहनें – घर से बाहर जाते समय उच्च गुणवत्ता वाला मास्क पहनें, खासकर जब AQI खराब हो।
- बेहतर वायु निस्पंदन (HVAC) सिस्टम का उपयोग करें – घर और ऑफिस में MERV 13 या उससे अधिक ग्रेड के फ़िल्टर का इस्तेमाल करें।
- गाड़ी में एयर सर्कुलेशन मोड चालू करें – ड्राइविंग के दौरान बाहरी प्रदूषित हवा अंदर न आए, इसके लिए कार का एयर सर्कुलेशन फ़ंक्शन चालू रखें।
Indians are justifiably outraged by the poor air quality they are exposed to daily. It creates serious negative health effects.
Below is a study showing how air pollution causes liver inflammation, fibrosis, blood fat imbalance, and liver protein markers associated with… pic.twitter.com/SODON2KOh8
— Bryan Johnson /dd (@bryan_johnson) February 4, 2025
भारत में वायु प्रदूषण: एक गंभीर संकट
भारत में वायु प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। हर साल सर्दियों में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद ख़राब हो जाती है। इसका मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन, और पराली जलाना है।
2019 में जारी “State of Global Air” रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण के कारण हर साल लाखों लोगों की असमय मृत्यु होती है। यह समस्या केवल फेफड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि हृदय रोग, कैंसर, और अन्य गंभीर बीमारियों को भी बढ़ावा देती है।
सरकार और नागरिकों की भूमिका
- वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत है:
- वाहनों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम बनाए जाएं।
- स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया जाए, जैसे सौर और पवन ऊर्जा।
- औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए।
- शहरों में अधिक हरियाली और वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाए।
साथ ही, आम नागरिक भी स्वच्छ ऊर्जा अपनाकर, निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करके, और वृक्षारोपण में योगदान देकर इस समस्या के समाधान में भागीदार बन सकते हैं।
Conclusion
Bryan Johnson द्वारा वायु प्रदूषण पर दी गई चेतावनी भारत जैसे देशों के लिए एक गंभीर संदेश है। यह सिर्फ दिल्ली या मुंबई की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य और भविष्य से जुड़ा संकट है। जब तक सरकार और नागरिक मिलकर इस समस्या से नहीं निपटते, तब तक भारत में वायु गुणवत्ता में कोई बड़ा सुधार संभव नहीं होगा।
हमें यह समझना होगा कि वायु प्रदूषण केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है, बल्कि एक स्वास्थ्य आपदा भी है। Bryan Johnson जैसे विशेषज्ञों द्वारा इस मुद्दे को उठाना इस बात का प्रमाण है कि अब समय आ गया है कि हम अपनी हवा को साफ़ करने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
Also Read: Bryan Johnson ने Nikhil Kamath के Podcast को बीच में छोड़ा, भारत की Air Quality पर उठाए सवाल
